प्लेटो (Plato)
यहां प्लेटो (Plato) के बारे में UGC NET Political Science परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची दी गई है
प्लेटो के जीवन और कार्य
- प्लेटो का जन्म 428/27 ईसा पूर्व एथेंस, ग्रीस में हुआ और उनकी मृत्यु 347 ईसा पूर्व हुई।
- वे सुकरात (Socrates) के शिष्य और अरस्तू (Aristotle) के गुरु थे।
- उन्होंने 'Academy' की स्थापना की, जो पश्चिमी दुनिया का पहला उच्च शिक्षा संस्थान माना जाता है।
- उनके तीन प्रमुख ग्रंथ हैं:
- The Republic (गणराज्य) – न्याय (Justice) और आदर्श राज्य की अवधारणा पर केंद्रित।
- The Statesman (राजनेता) – कानून और राज्य संचालन पर चर्चा।
- The Laws (कानून) – शासन और समाज के व्यवहारिक नियमों पर ध्यान केंद्रित।
प्लेटो की राजनीतिक विचारधारा
- प्लेटो को आदर्शवादी (Idealist) दार्शनिक कहा जाता है क्योंकि वे एक परिपूर्ण राज्य की कल्पना करते थे।
- उनका मानना था कि शासन विद्वानों (Philosopher Kings) को करना चाहिए, न कि आम जनता को।
- वे लोकतंत्र के आलोचक थे और मानते थे कि यह अयोग्य और भावनात्मक रूप से प्रेरित शासकों को सत्ता में लाता है।
- उन्होंने समाज को तीन वर्गों में विभाजित किया:
- दार्शनिक राजा (Philosopher King) – वे शासन करेंगे क्योंकि उनके पास ज्ञान और नैतिकता होगी।
- योद्धा (Warriors/Auxiliaries) – वे राज्य की रक्षा करेंगे।
- श्रमिक (Producers/Artisans) – वे उत्पादन और व्यापार करेंगे।
- प्लेटो के अनुसार, एक आदर्श राज्य न्याय, ज्ञान, आत्मसंयम और साहस पर आधारित होना चाहिए।
न्याय (Justice) की परिभाषा
- The Republic में न्याय का विश्लेषण किया गया है, जिसे प्लेटो ने राज्य और व्यक्ति दोनों स्तरों पर लागू किया।
- उन्होंने न्याय को इस रूप में परिभाषित किया – "हर व्यक्ति को वही कार्य करना चाहिए जिसके लिए वह स्वाभाविक रूप से उपयुक्त हो"।
- उनके अनुसार, न्याय व्यक्तिगत और सामाजिक संतुलन बनाए रखता है।
- उन्होंने न्याय की चार विशेषताएँ बताई:
- बुद्धिमत्ता (Wisdom) – राज्य के शासकों में होनी चाहिए।
- साहस (Courage) – योद्धाओं में होना चाहिए।
- संयम (Temperance) – पूरे समाज में होना चाहिए।
- न्याय (Justice) – जब हर वर्ग अपने कार्य को सुचारू रूप से करता है, तब राज्य में न्याय स्थापित होता है।
दार्शनिक राजा (Philosopher King) की अवधारणा
- प्लेटो ने कहा "जब तक दार्शनिक राजा नहीं बनते या शासक दार्शनिक नहीं बनते, तब तक समाज में शांति नहीं आ सकती।"
- उनका मानना था कि शासक को:
- सत्य का प्रेमी होना चाहिए।
- ज्ञान और नैतिकता से परिपूर्ण होना चाहिए।
- संपत्ति और निजी जीवन से मुक्त होना चाहिए।
- सत्ता प्राप्त करने के इच्छुक नहीं होना चाहिए।
- प्लेटो ने एक कठोर शिक्षा प्रणाली की सिफारिश की जिससे दार्शनिक शासकों को तैयार किया जा सके।
गुफा रूपक (Allegory of the Cave)
- The Republic में प्लेटो ने गुफा रूपक प्रस्तुत किया, जिससे उन्होंने अज्ञानता और ज्ञान के बीच अंतर स्पष्ट किया।
- यह रूपक समझाता है कि आम लोग सिर्फ छायाओं को वास्तविकता मानते हैं, जबकि दार्शनिक ही सत्य को पहचान सकते हैं।
- यह दर्शाता है कि दार्शनिकों को ज्ञान प्राप्त करने के बाद समाज का नेतृत्व करना चाहिए।
लोकतंत्र और अन्य शासन प्रणालियों की आलोचना
- प्लेटो ने पाँच प्रकार की शासन प्रणालियों को पहचाना:
- अरिस्टोक्रेसी (Aristocracy) – ज्ञानियों का शासन (सबसे अच्छा)।
- टिमोक्रेसी (Timocracy) – सम्मान और युद्धप्रियता पर आधारित शासन।
- ओलिगार्की (Oligarchy) – धनिकों का शासन।
- लोकतंत्र (Democracy) – भीड़तंत्र, जहां जनता बिना ज्ञान के शासन करती है।
- तानाशाही (Tyranny) – सबसे खराब, जहां एक तानाशाह का शासन होता है।
- वे मानते थे कि लोकतंत्र धीरे-धीरे अराजकता और फिर तानाशाही में बदल जाता है।
The Laws में शासन का व्यावहारिक दृष्टिकोण
- प्लेटो ने The Laws में अपने विचारों में बदलाव किया और माना कि कानूनों के तहत शासन करना आवश्यक है।
- उन्होंने मिश्रित शासन प्रणाली का समर्थन किया – लोकतंत्र और राजशाही का संतुलन।
- वे "Nocturnal Council" (रात्रिकालीन परिषद) का सुझाव देते हैं, जो बुद्धिजीवियों का एक समूह होगा और कानूनों की देखरेख करेगा।
प्लेटो की आलोचना
- आधुनिक विद्वानों ने उनके विचारों को तानाशाही (Totalitarianism) और अधिनायकवाद (Authoritarianism) से मिलती-जुलती कहा है।
- कार्ल पॉपर (Karl Popper) ने The Open Society and Its Enemies में प्लेटो की विचारधारा को अलोकतांत्रिक और जनविरोधी बताया।
- अरस्तू (Aristotle) ने The Republic की आलोचना करते हुए कहा कि यह अव्यवहारिक और अत्यधिक कठोर है।
- प्लेटो के आदर्श राज्य में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक भागीदारी की कमी थी।
निष्कर्ष
- प्लेटो को पश्चिमी राजनीतिक दर्शन का जनक कहा जाता है।
- उनके विचारों ने मध्ययुगीन यूरोपीय राजनीतिक विचारधारा, पुनर्जागरण और आधुनिक राजनीति को प्रभावित किया।
- उनकी दार्शनिक राजा और गुफा रूपक की अवधारणाएं आज भी राजनीतिक सिद्धांतों की बहस में महत्वपूर्ण हैं।
- हालांकि उनकी कुछ धारणाएं अलोकतांत्रिक मानी गईं, लेकिन राज्य, न्याय और शासन के सिद्धांतों पर उनकी गहरी सोच को आज भी सराहा जाता है।
UGC NET परीक्षा के लिए प्लेटो के यह तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह उनके दर्शन और राजनीतिक विचारों के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं।
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