जॉन लॉक (John Locke)
यहां UGC NET Political Science परीक्षा के लिए जॉन लॉक (John Locke) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं
"क्या सरकार को असीमित शक्ति मिलनी चाहिए, या जनता को अपने अधिकारों की सुरक्षा का हक है? क्या नागरिकों को सरकार बदलने का अधिकार होना चाहिए?"
नमस्कार दोस्तों!
आज हम बात करेंगे आधुनिक उदारवाद (Liberalism) के जनक – जॉन लॉक (John Locke) और उनके राजनीतिक दर्शन की।
उन्होंने प्राकृतिक अधिकार (Natural Rights), सामाजिक अनुबंध (Social Contract), सरकार की सीमित शक्ति (Limited Government), लोकतंत्र (Democracy), और स्वतंत्रता (Liberty) जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को विकसित किया।
🔹 जॉन लॉक का जीवन परिचय (Biography of John Locke)
- जॉन लॉक का जन्म 29 अगस्त 1632 को इंग्लैंड में हुआ और उनकी मृत्यु 28 अक्टूबर 1704 को हुई।
- वे राजनीतिक उदारवाद (Liberalism) के जनक माने जाते हैं।
- वे अंग्रेजी गौरवशाली क्रांति (Glorious Revolution, 1688) से प्रभावित थे और राजनीतिक स्वतंत्रता और संवैधानिक शासन के समर्थक थे
- उनके विचारों ने अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन (1776) और फ्रांसीसी क्रांति (1789) को गहरा प्रभावित किया।
- उनकी प्रमुख रचनाएँ:
- Two Treatises of Government (1689) – इसमें सामाजिक अनुबंध और सरकार की वैधता पर चर्चा की गई है।
- An Essay Concerning Human Understanding (1690) – इसमें उन्होंने ज्ञान और अनुभववाद (Empiricism) की व्याख्या की।
- A Letter Concerning Toleration (1689) – धार्मिक सहिष्णुता की वकालत।
प्राकृतिक अवस्था (State of Nature) की अवधारणा
- लॉक के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था स्वतंत्रता और समानता की अवस्था थी, न कि हॉब्स की तरह अराजकता की स्थिति
- इसमें लोग नैतिकता और प्राकृतिक कानूनों (Natural Laws) द्वारा शासित होते हैं, न कि बल प्रयोग से
- प्रत्येक व्यक्ति के पास जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति (Life, Liberty, and Property) का प्राकृतिक अधिकार होता है
- प्राकृतिक अवस्था में न्यायपालिका की अनुपस्थिति के कारण संघर्ष उत्पन्न हो सकता था, इसलिए राज्य का गठन आवश्यक हुआ
सामाजिक अनुबंध (Social Contract) का सिद्धांत
- लॉक ने सामाजिक अनुबंध को सरकार की वैधता का आधार माना।
- लोग अपनी कुछ स्वतंत्रता को राज्य को सौंपते हैं ताकि उनके अधिकारों की रक्षा हो सके
- सरकार का उद्देश्य जनता की रक्षा करना और उसके अधिकारों को सुरक्षित रखना है, न कि पूर्ण संप्रभुता स्थापित करना
- यदि सरकार जनता के अधिकारों का उल्लंघन करती है, तो लोग उसे बदलने या हटाने का अधिकार रखते हैं
- सरकार के प्रति नागरिकों की आज्ञाकारिता "सम्मति (Consent)" पर आधारित होती है
लॉक की संप्रभुता और शासन व्यवस्था पर विचार
- लॉक ने संविधानवाद (Constitutionalism) और सीमित सरकार (Limited Government) का समर्थन किया
- उन्होंने सत्ता के विभाजन (Separation of Powers) का सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसे बाद में मोंटेस्क्यू ने और विकसित किया
- लॉक के अनुसार, सरकार तीन भागों में विभाजित होनी चाहिए:
- विधायी शक्ति (Legislative Power) – कानून बनाने के लिए।
- कार्यकारी शक्ति (Executive Power) – कानून लागू करने के लिए।
- संघीय शक्ति (Federative Power) – विदेशी मामलों से निपटने के लिए
न्याय (Justice) और प्राकृतिक अधिकार (Natural Rights)
- लॉक ने प्राकृतिक अधिकारों (Natural Rights) की अवधारणा दी, जो आगे चलकर अमेरिकी स्वतंत्रता घोषणापत्र (1776) और मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) में शामिल हुई
- उनके अनुसार, प्राकृतिक कानूनों (Laws of Nature) के तहत सभी लोग समान हैं और सरकार का कर्तव्य इन अधिकारों की रक्षा करना है
- यदि कोई सरकार इन अधिकारों का हनन करती है, तो लोगों को सरकार के खिलाफ विद्रोह करने का अधिकार है
संपत्ति (Property) पर विचार
- लॉक के अनुसार, संपत्ति प्राकृतिक अधिकारों में से एक है और यह व्यक्ति के श्रम के माध्यम से अर्जित होती है
- उन्होंने कहा कि संपत्ति का उपयोग नैतिक रूप से किया जाना चाहिए और कोई भी व्यक्ति दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकता।
- धन (Money) के आविष्कार के कारण असमानता बढ़ी, लेकिन सरकार का कार्य संपत्ति की रक्षा करना होना चाहिए
धार्मिक सहिष्णुता (Religious Tolerance)
- लॉक ने धार्मिक सहिष्णुता की वकालत की और कहा कि राज्य को व्यक्तिगत आस्था में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए
- उन्होंने चर्च और राज्य के अलगाव (Separation of Church and State) का समर्थन किया।
- हालांकि, उन्होंने कैथोलिक चर्च और नास्तिकों के प्रति उदारता नहीं दिखाई, क्योंकि वे राज्य की स्थिरता को प्रभावित कर सकते थे।
लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर विचार
- लॉक को आधुनिक लोकतंत्र का जनक माना जाता है
- उन्होंने प्रस्तावित किया कि सरकार जनता की सहमति (Consent of the Governed) से बने और कार्य करे
- स्वतंत्रता (Liberty) को उन्होंने कानूनों के तहत कार्य करने की स्वतंत्रता बताया, न कि अराजकता के रूप में।
लॉक की आलोचना
- मार्क्सवादी विद्वानों ने उन्हें पूंजीवादी व्यवस्था का समर्थक बताया और कहा कि उनकी संपत्ति संबंधी अवधारणा धनिकों को संरक्षण देती है
- कार्ल श्मिट (Carl Schmitt) ने उनकी संविधानवाद और कानूनों की सर्वोच्चता की अवधारणा को अप्रभावी बताया।
- आलोचकों का कहना है कि उनकी लोकतांत्रिक विचारधारा सीमित थी और उन्होंने समाज में पहले से मौजूद असमानताओं को वैधता प्रदान की
निष्कर्ष
- लॉक को उदारवाद (Liberalism) के जनक के रूप में जाना जाता है।
- उनकी सामाजिक अनुबंध, प्राकृतिक अधिकार, संवैधानिक शासन और लोकतांत्रिक विचारधारा ने आधुनिक लोकतंत्र की नींव रखी।
- अमेरिकी स्वतंत्रता घोषणापत्र (1776), फ्रांसीसी क्रांति (1789) और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार घोषणापत्र (1948) में उनके विचारों की झलक देखी जा सकती है
UGC NET परीक्षा के लिए यह लॉक के महत्वपूर्ण तथ्यों की विस्तृत सूची है, जो उनके राजनीतिक विचारों के सभी प्रमुख पहलुओं को कवर करती है। ✅
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