मेरी वोल्स्टनक्राफ्ट (Mary Wollstonecraft)
यहां UGC NET Political Science परीक्षा के लिए मेरी वोल्स्टनक्राफ्ट (Mary Wollstonecraft) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए है
क्या महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए? क्या पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए? 🤔
आज हम बात करेंगे आधुनिक नारीवाद की जननी – मेरी वोल्स्टनक्राफ्ट (Mary Wollstonecraft) और उनके राजनीतिक विचारों की।
18वीं शताब्दी में जब महिलाओं को शिक्षा, राजनीति और स्वतंत्रता से वंचित रखा जाता था, तब वोल्स्टनक्राफ्ट ने महिला अधिकारों, समानता, और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
वोल्स्टनक्राफ्ट का जीवन और कार्य
- जन्म – 27 अप्रैल 1759, स्पिटलफ़ील्ड्स,लंदन।
- मृत्यु – 10 सितंबर 1797 (सेप्टीसीमिया से) (बच्चे के जन्म के बाद संक्रमण)।।
- वे आधुनिक नारीवाद (Modern Feminism) की अग्रदूत मानी जाती हैं
- उनका परिवार आर्थिक संघर्ष से गुज़रा, जिससे उन्होंने स्वतंत्र रूप से जीविकोपार्जन की जरूरत महसूस की।
- उन्होंने एक शिक्षिका, लेखिका और समाज सुधारक के रूप में काम किया।
- उनकी प्रमुख रचनाएँ:
- A Vindication of the Rights of Woman (1792) – यह पहली नारीवादी राजनीतिक कृति मानी जाती है।
- A Vindication of the Rights of Men (1790) – यह एडमंड बर्क की आलोचना में लिखी गई।
- An Historical and Moral View of the Origins and Progress of the French Revolution (1793-94) – इसमे फ्रांसीसी क्रांति की व्याख्या की गई है।
- Thoughts on education of Daughters (1787) : इस पुस्तक में मेरी ने ब्रिटिश मध्यम वर्ग में महिलाओं की शिक्षा को लेकर चेतना जागृत करने का प्रयास किया।
- The Wrongs of Woman (1797, अधूरी) – यह महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर आधारित है।
- उन्होंने महिलाओं की समानता, शिक्षा, और स्वतंत्रता की वकालत की।
फ्रांसीसी क्रांति और राजनीतिक विचार
- वोल्स्टनक्राफ्ट फ्रांसीसी क्रांति की समर्थक थीं और उन्होंने इसे मानवता के विकास की ओर एक कदम बताया
- उन्होंने लोकतंत्र और गणराज्यवादी विचारधारा (Republicanism) का समर्थन किया।
- उन्होंने एडमंड बर्क की फ्रांसीसी क्रांति पर लिखी आलोचना "Reflections on the Revolution in France" का जवाब दिया और कहा कि सत्ता केवल कुलीन वर्ग तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।
- उन्होंने कहा कि "कोई भी समाज तभी प्रगतिशील हो सकता है, जब उसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया जाए।"
- उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वतंत्रता और महिला स्वतंत्रता एक-दूसरे से जुड़ी हैं।
महिला अधिकार और नारीवाद
- A Vindication of the Rights of Woman (1792) को पहली नारीवादी कृति कहा जाता है
- उन्होंने महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक समानता की मांग की।
- वोल्स्टनक्राफ्ट ने महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने की मांग की।
- उन्होंने कहा कि "महिलाओं को केवल सुंदरता और घरेलू कामकाज तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें शिक्षा और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।"
- उन्होंने महिला मताधिकार (Women’s Suffrage) की मांग तो नहीं की, लेकिन उन्होंने राजनीतिक भागीदारी का समर्थन किया।
- उनका तर्क था कि "महिलाएं केवल तभी अच्छी पत्नियां और माताएं बन सकती हैं, जब उन्हें स्वतंत्र रूप से सोचने और निर्णय लेने का अवसर दिया जाए।"
- उन्होंने कहा कि महिलाओं की अवनति शिक्षा की कमी और सामाजिक व्यवस्था के कारण हुई है।
- "महिलाओं को केवल पुरुषों को खुश करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें स्वतंत्र सोच रखने वाली नागरिक बनाया जाना चाहिए।"
शिक्षा और समानता पर विचार
- वोल्स्टनक्राफ्ट ने तर्क दिया कि "शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे शक्तिशाली साधन है"
- रूसो द्वारा लिखी गई शिक्षा की रचना - Emile की कड़ी आलोचना की, जिसमें रूसो ने महिलाओं को केवल घरेलू कार्यों के लिए उपयोगी कहा। रूसो के जवाब में उन्होंने A Vendication of the rights of Women लिखा और महिलाओं की शिक्षा पर सर्वाधिक बल दिया।
- उन्होंने महिला और पुरुषों के लिए समान शिक्षा प्रणाली की वकालत की
- उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं को तर्कशील और स्वतंत्र सोचने वाला बनाया जाना चाहिए।
- उनकी विचारधारा ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली, विशेष रूप से महिला शिक्षा आंदोलन को प्रेरित किया।
नैतिकता और समाज
- उन्होंने कहा कि "महिलाओं को नैतिकता और बुद्धिमत्ता के आधार पर आंका जाना चाहिए, न कि उनकी सुंदरता पर"
- वे यथार्थवादी नैतिकता की समर्थक थीं और मानती थीं कि सशक्त महिलाएँ समाज को मजबूत बनाएंगी।
- उन्होंने व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया।
राजनीतिक अधिकार और नागरिकता
- वोल्स्टनक्राफ्ट ने महिलाओं के मताधिकार (Suffrage) की प्रत्यक्ष वकालत नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि महिलाओं को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए
- उन्होंने कहा कि "स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से तर्कशील प्राणी हैं, इसलिए अधिकारों में भेदभाव नहीं होना चाहिए।
समाज और परिवार पर विचार
- उन्होंने महिलाओं को केवल "घरेलू भूमिकाओं" तक सीमित करने की आलोचना की।
- उन्होंने कहा कि समान अधिकारों से महिलाओं की पारिवारिक भूमिकाएँ भी सशक्त होंगी।
- उन्होंने व्यवस्था में विवाह के अनुचित रूपों और महिलाओं की अधीनता की आलोचना की।
वोल्स्टनक्राफ्ट की आलोचना और प्रभाव
- समकालीन समाज ने उनकी विचारधारा को चरमपंथी और उग्रवादी माना।
- 20वीं शताब्दी में उन्हें "आधुनिक नारीवाद की जननी" के रूप में स्वीकार किया गया।
- जे.एस. मिल (J.S. Mill) और सिमोन द बोउवार (Simone de Beauvoir) जैसे विचारकों पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा।
निष्कर्ष
- मैरी वोल्स्टनक्राफ्ट को आधुनिक नारीवादी विचारधारा की संस्थापक माना जाता है।
- उन्होंने महिला शिक्षा, समानता और स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उनके विचार आज भी लोकतंत्र, महिला अधिकार और सामाजिक सुधार आंदोलनों में प्रेरणादायक हैं।
UGC NET परीक्षा के लिए यह वोल्स्टनक्राफ्ट के महत्वपूर्ण तथ्यों की विस्तृत सूची है, जो उनके राजनीतिक विचारों के सभी प्रमुख पहलुओं को कवर करती है। ✅
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